पोर्टल पर अलग-अलग फर्मों के नाम, लेकिन अपलोड हुआ सिर्फ एक संदिग्ध बिल; पारदर्शिता के दावे पर लगा सवालिया निशान
धार जिले के सरदारपुर जनपद की ग्राम पंचायत लेडगांव से सामने आया एक मामला शासन द्वारा शुरू की गई पारदर्शी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंचायत में पांचवें राज्य वित्त आयोग अंतर्गत सीसी रोड और आंगनवाड़ी भवन निर्माण जैसे कई कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिनकी जानकारी पंचायत दर्पण पोर्टल पर प्रदर्शित है। कार्यों की सूची में सीसी रोड आईडी क्र. 101221030, 101201539 और 101167708 जैसे निर्माण कार्य शामिल हैं, जिनके लिए लाखों रुपये की राशि आहरण की गई है। हैरानी की बात यह है कि जिन फर्मों से सामग्री ली गई बताई जा रही है, जैसे—महावीर ट्रेडर्स, जाट मशीनरी, लक्ष्मीबाई, जमना स्टोन क्रेशर आदि—उनके नाम तो पोर्टल पर दर्शाए गए हैं, लेकिन उनके मूल बिल पोर्टल पर कहीं अपलोड नहीं हैं।
इसके बजाय, एक ही फर्म “श्री श्याम ट्रेडर्स” का धुंधला व संदिग्ध बिल कई जगह चस्पा किया गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि नाम तो अनेक दिखाए गए, पर बिल एक ही का लगाया गया है। इससे यह संदेह उत्पन्न हो रहा है कि क्या वाकई में सभी फर्मों से सामग्री ली गई या सिर्फ नामों का सहारा लेकर भुगतान की खानापूर्ति कर दी गई? बिलों की पारदर्शिता न होने और एक ही दस्तावेज को कई फर्मों पर दिखाए जाने से निर्माण कार्यों की शुचिता और खर्च की सत्यता दोनों पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायत दर्पण पोर्टल का उद्देश्य ग्रामीण जनता और शासन के बीच पारदर्शिता लाना था, लेकिन यदि पोर्टल पर फर्जी या अपूर्ण दस्तावेज अपलोड किए जाते हैं तो यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर असंतोष भी देखा गया है कि लाखों की योजनाओं में वास्तविकता जमीन पर नजर नहीं आ रही। अब यह जिम्मेदारी संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की है कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और यदि अनियमितता पाई जाए तो संबंधित जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई हो।





