धार- उमरबन में आज जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) संगठन के बैनर तले बड़ी संख्या में आदिवासी युवाओं व वरिष्ठजनों ने एकजुट होकर तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार महोदय को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में रतलाम जिले के युवा आदिवासी नेता विलेश खराड़ी को बार-बार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में बंद किए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। जयस पदाधिकारियों ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि विलेश खराड़ी समाज के जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लगातार संघर्षरत हैं, लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। बार-बार रासुका बढ़ाना न केवल लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह आदिवासी समाज को डराने की कोशिश है। ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि विलेश खराड़ी को तुरंत रासुका से मुक्त कर सम्मानपूर्वक रिहा किया जाए, ताकि समाज की लड़ाई निर्बाध रूप से जारी रह सके। इस मौके पर जयस के सक्रिय पदाधिकारी जितेन्द्र ईस्के, अम्बाराम वास्केल, सरदार बघेल, महेश कटारे, सरपंच रुमाल पटेल, सरपंच शिवराम मुवेल, मंसाराम मुवेल, अर्जुन भाबर, नरेंद्र वर्मा, विजय हंसराज, आदिवासी लखन भील सहित अनेक युवा और वरिष्ठ समाजजन उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
